गुप्तध्यान

संसार के सभी जीवों में आत्मशक्ति है जो जीवन में समय-समय पर अनेकों प्रकार से कार्य करती है परंतु अदृश्य और अविकसित होने के कारण जीव को इसका सम्पूर्ण लाभ नहीं मिलता है | सभी लोग अपने उपलब्ध ज्ञान और माध्यमों से अपनी आत्मशक्ति को जागृत करने की चेष्टा करते रहते है परंतु गिने चुने लोग अपनी आत्मशक्ति को सम्पूर्ण रूप से जागृत कर पाते है | सभी लोगों की आत्मा और आत्मशक्ति एक-दूसरे जैसी नहीं है अर्थात एक समान लगने वाली आत्मा और आत्मशक्ति भिन्न-भिन्न है क्योंकि ब्रह्मांड में उपस्थित सभी कुछ एक दूसरे से किसी ना किसी रूप में भिन्न है इसीलिए प्रत्येक व्यक्ति की आत्मशक्ति को उसके उपयोग के अनुसार भिन्न-भिन्न नाम से जाना जाता है |

हमारे पूर्वजों ने यह बताया कि अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए  ज्ञान और ध्यान से इन शक्तियों को जागृत किया जा सकता है और इसका सामान्य अभ्यास भी सभी लोगों को बताया परंतु उन्होंने इसके विस्तृत गुप्तध्यान और गुप्तज्ञान के बारे में अपने अति विश्वसनीय शिष्यों को ही बताया ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति आत्मशक्ति का दुरुपयोग ना करे | एक सिद्धांत है कि सामान्य ज्ञान अथवा सामान्य क्रिया के द्वारा सामान्य शक्ति ही प्राप्त होती है और गुप्तज्ञान और गुप्तध्यान से गुप्त शक्ति मिलती है इसलिए इस बात को समझना अति आवश्यक है कि सामान्य ज्ञान और सामान्य ध्यान से गुप्त शक्तियां जागृत नहीं होती |

 गुप्तध्यान को भविष्य की आवश्यकता मानते हुए और अपने अनेकों शिष्यों के अनुरोध पर ही Karmalogist ने गुप्तध्यान का अभ्यास सीखाना आरंभ किया है | गुप्तध्यान ऐसा अभ्यास है जो केवल अपनी आत्मशक्ति को जागृत करने के लिए है और इसे आप अपनी सांसारिक, आध्यात्मिक और शून्यात्मिक इच्छाओं को पूरा करने के लिए उपयोग कर सकते है | इस बात का विशेष ध्यान रखें कि गुप्तध्यान का अभ्यास आनलाइन उपलब्ध नहीं है |

गुप्तध्यान की विस्तृत जानकारी के लिए कार्यालय मे संपर्क करें |

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